उन्हें तो न तब फर्क पड़ता था न अब पड़ता है
मोहब्बत और नफरत दोनों बराबर है उनके लिए
बेजार तो हम हुए है ज़र्रा ज़र्रा बिखरे है
मोहब्बत में भी और नफरत में भी
सुर्ख आँखों में आंसू लिए दर दर घूमती हूँ
कोई आके तो देखे मैं किस कदर तुझे ढूँढती हूँ
प्यार में मेरी यादें भी नीलाम हो गयी हैं
और मैं लोगों से अब भी तेरा पता पूछती हूँ
मुझे एक ख़ुशी का टुकड़ा उधार दे दो
थोड़ी देर के लिए यार का दीदार दे दो
सारी उम्र इसके लिए चाहे सजा दे दो।
और अगर कम लगे तो फांसी दे दो
राखी
Awesome very nice.....
ReplyDeleteतेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त।
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल।।
AB YE DILL UNKA TALBGAR NAHI
MAUT PE TO HAI UNPE AITBAR NAHI
ZINDGI YU BAN GYI MOHABBAT ME UNKE
DUR TAK VEERANGI HAI AB BAHAR NAHI
GAM UNKA AABAD RAHEGA IS DILL ME
YE OUR BAT HAI KI ANKHE ASK BAAR NAHI
BADAL BHI LETA TUTE DILL KO MAI
MAGAR IS JAHA ME DILL KA KOI BAZAR NAHI
KEHATA HU AAJ YE MAI TUMSE
UTHA KE KHANZAR ZIGAR KE PAAR KAR DO
MARNA CHAHTA HU MAI BAAR BAAR NAHI
VIVEK PANDEY
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