कैसी ये औरत की कहानी है है मोहब्बत भी करती है औरों से भी छुपानी है
हाथों में फूल लेकर सोचती है कि क्या ये भी उसी की तरह कमजोरी की निशानी है
हर दुःख हर सुख में मुस्कुराती ही रहती वो उफ्फ्फ करे भी तो कोई नहीं सुनता
हर तरफ कहीं भी देखो चाहे औरत ही भुगत रही सब कुछ ये हर औरत की जुबानी है।
रब ने ही औरत को इतना सहनशील बनाया लबों पे हँसी और आँखों में पानी है ।
जब भी सुनती हूँ किसी औरत की दास्ताँ लगता है मुझे ये मेरी ही कहानी है ।
राखी शर्मा
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